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सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी के मामले में आईएमए अध्यक्ष को चेतावनी, हो सकती है कार्यवाही

 30 Apr 2024

सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष आर.वी अशोकन पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। अशोकन ने एलोपैथी के डॉक्टरों पर कोर्ट की टिप्पणियों को ग़लत बताया था, और कोर्ट के तरीकों पर भी सवाल उठाया था। अशोकन की टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट के समक्ष यह मुद्दा बाबा रामदेव और बालकृष्ण के वकील मुकुल रोहतगी ने उठाया।



रोहतगी ने आईएमए अध्यक्ष की टिप्पणियों पर आपत्ति जतायी


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और बालकृष्ण के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के ख़िलाफ़ आईएमए अध्यक्ष के बयानों को कोर्ट के समक्ष रखा।  उन्होंने कहा कि आईएमए अध्यक्ष ने एक साक्षात्कार में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एलोपैथी के डॉक्टरों पर की गयी टिप्पणी को ग़लत ठहराया है। कोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो इसका अंजाम उन्हें भुगतना पडेगा। कोर्ट ने आईएमए अध्यक्ष के साक्षात्कार के वीडियो को कोर्ट में पेश करने के लिए कहा है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। रोहतगी ने कहा कि आईएमए सदस्य द्वारा ऐसी टिप्पणी करना सीधे तौर पर मामले में हस्तक्षेप करने जैसा है।


क्या है मामला

23 तारीख़ को सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामलों पर सुनवाई के दौरान एलोपैथी की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठाया था। कोर्ट ने कहा था कि एलोपैथी डॉक्टरों के ख़िलाफ़ भी उन्हें कई शिक़ायतें मिली है, जिसमें डॉक्टरों पर आरोप है कि अक्सर डॉक्टर उन दवाइयों को लिखते है जो महंगी होती है या अस्पताल में उलब्ध नहीं होती हैं। अगर आप एक उंगली दूसरों पर उठाते हैं तो चार उंगली आप पर भी उठती हैं। इसके बाद आईएमए के अध्यक्ष आर.वी अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और भाषा को ग़लत ठहराया था। उन्होंने कोर्ट की टिप्पणियों को एकतरफ़ा बताया था, और कहा था कि कोर्ट को ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिये।

फिलहाल, मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने रोहतगी की आपत्तियों को रिकॉर्ड में शामिल किया है।कोर्ट ने कहा है कि अगर आईएमए अध्यक्ष द्वारा ऐसा कुछ कहा गया है तो इसके परिणाम उन्हें भुगतने होंगे।